जानिए कौन है चुन्नी लाल गरासिया और मदन राठौर, जिनको भाजपा ने बनाया राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवार - JALORE NEWS
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जानिए कौन है चुन्नी लाल गरासिया और मदन राठौर, जिनको भाजपा ने बनाया राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवार - JALORE NEWS
जयपुर ( 12 फरवरी 2024 ) देश में 15 राज्यों में राज्यसभा के 56 सदस्यों का चुनाव किया जाएगा. इसके लिए नामांकन भी शुरू हो चुका है. वहीं, राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना शुरू कर दिया है. 56 सदस्यों में राजस्थान से 3 सदस्य चुनकर राज्यसभा भेजे जाएंगे. ऐसे में बीजेपी ने राजस्थान में अपने दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.
भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से दो उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने वरिष्ठ नेता चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौर को उम्मीदवार बनाया है। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने इस संबंध में आधिकारिक सूची जारी की है। इसमें बताया गया कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने दोनों के नामों पर सहमति जताई है। गौरतलब है कि राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए राजस्थान विधानसभा में 27 फरवरी को मतदान होना है, जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी है।
विधानसभा में विधायकों की संख्याबल के लिहाज़ से भाजपा की दो और कांग्रेस की एक सीट पर जीत लगभग तय मानी जा रही है। तीन सीटों के चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों की संख्या अगर तीन ही रहती है तो तीनों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया जाएगा, नहीं तो मतदान प्रक्रिया अपनाई जायेगी। सुगबुगाहट है कि भाजपा तीसरे उम्मीदवार को भी उतार सकती है। पहले भी पार्टी ऐसा कर चुकी है, हालांकि तीसरी सीट जीत नहीं पाई थी। सूत्रों के मुताबिक पार्टी में मंथन चल रहा है कि तीसरी सीट के लिए क्या उम्मीदवार को उतारा जाए और ऐसा करें तो उम्मीदवार कौन हो। यदि ऐसा होता है भाजपा अपने पुराने प्रयोग को दोहराकर मुकाबले का रोचक जरूर बना देगी
।भाजपा ने सोमवार को राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित कर दिए। पार्टी ने चुन्नी लाल गरासिया (Chunni lal Garasiya) और मदन राठौर (Madan Rathore) को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने इस बार तय किया था कि जिस प्रदेश की राज्यसभा सीट होगी, उसी प्रदेश के नेता को राज्यसभा भेजा जाएगा। पार्टी ने राजस्थान में ऐसा ही किया। वर्तमान विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा दो सीट जीतने की स्थिति में है और पार्टी ने दो ही सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। राजस्थान में राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव होने हैं। पन्द्रह फरवरी नामांकन की अंतिम तिथि है।
जानिए कौन है चुन्नी लाल गरासिया
भाजपा की ओर से घोषित राज्यसभा उम्मीदवार एसटी वर्ग से आने वाले चुन्नी लाल गरासिया ( 71 ) उदयपुर ग्रामीण से दो बार विधायक रह चुके हैं। गरासिया राजस्थान सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं। वे संगठन में कई पदों पर भी रह चुके हैं। गरासिया वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष है। चुन्नी लाल गरासिया का जन्म डूंगरपुर के डबली में हुआ। गरासिया ने शिक्षा स्नात्तक पूर्व (इन्टरमीडियेट), भूपाल नोबल्स महाविद्यालय उदयपुर की है।
जानिए कौन है मदन राठौर
ओबीसी वर्ग से आने वाले मदन राठौर (70) पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। पिछली भाजपा सरकार में वे सरकारी उप मुख्य सचेतक बनाए गए थे। इस बार उन्होंने फिर से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो नाराज होकर निर्दलीय पर्चा भर दिया था। पार्टी नेताओं के समझाने के बाद राठौर ने पर्चा वापस ले लिया। राठौर आरएसएस से भी जुड़े रहे और पार्टी के विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। राठौर का जन्म पाली जिले के रायपुर में हुआ। उन्होंने स्नातक राजस्थान विश्वविद्यालय से किया हैं
क्यों लिया यह निर्णय ?
राजस्थान में बीजेपी के कई दिग्गज नेता विधान सभा का चुनाव हार गए थे. यहां पर चर्चा थी कि राज्यसभा के लिए यहां से किसी एक दिग्गज को बीजेपी मौक़ा दे सकती है. मगर, बीजेपी ने एसटी और ओबीसी चेहरे को ही मौक़ा दिया है. इससे एक तरफ जहां राजस्थान की तीन एसटी सीटें हैं. जहां बांसवाड़ा और उदयपुर एसटी सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी पर दबाव बन रहा था. वहीं उदयपुर से बीजेपी ने चुन्नीलाल गरसिया को राज्यसभा भेज कर एक बड़ा संदेश दे दिया है. वहीं, ओबीसी को एक बड़ा संदेश देने के लिए बीजेपी ने मदन राठौड़ को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है. जिससे राजस्थान की कई सीटों पर इसका सीधा असर पड़ सकता है.
सांसद और विधायक ने क्या कहा ?
पाली के सांसद पीपी चौधरी ने कहा कि मदन राठौर जमीनी कार्यकर्ता है. संगठन में वर्षों से काम कर रहे है. इन्हे राज्यसभा में भेजने के लिए शीर्ष नेतृत्व का हार्दिक आभार है. वहीं सिविल लाइन से बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया जाना बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए गौरव की बात है. इससे राजस्थान में बड़ा संदेश गया है.
बाड़ाबंदी तक की आई थी नौबत
वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने विधायकों की बाड़ाबंदी की थी। इन्हें एक होटल में ले जाया गया था, ताकि क्रॉस वोटिंग की स्थिति नहीं बने। पार्टी ने वर्ष 2020 और फिर 2022 में संख्या बल नहीं होते हुए भी अन्य प्रत्याशी खड़ा किया था, जबकि एक बार निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दिया था।
पिछले तीन चुनाव की स्थिति।
1. वर्ष 2016 - चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव हुआ था। भाजपा ने वैंकया नायडू, ओम माथुर, हर्षवर्धन सिंह और रामकुमार वर्मा को प्रत्याशी बनाया। निर्दलीय के तौर पर उद्योगपति कमल मोरारका मैदान में उतरे। कांग्रेस ने सेंधमारी की आस में मोरारका को समर्थन भी दिया, लेकिन वे जीत नहीं पाए। सभी चारों सीटों पर भाजपा को जीत मिली।
2. वर्ष 2020- तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए कांग्रेस ने के.सी. वेणुगोपाल और नीरज डांगी को मैदान में उतारा। भाजपा ने राजेंद्र गहलोत के साथ ओंकार सिंह लखावत को भी मैदान उतार दिया, जबकि संख्या बल के हिसाब से भाजपा एक ही सीट जीत सकती थी और हुआ भी यही।
3. वर्ष 2022- भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया और कांग्रेस की तरफ से रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी थे। भाजपा ने सेंधमारी की आस में निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया, हालांकि चंद्रा चुनाव जीत नहीं पाए। जबकि उस समय भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह ने क्रॉस वोटिंग की थी। इस कारण पार्टी ने कुशवाह को निष्कासित कर दिया था।
इन तीन सदस्यों का कार्यकाल पूरा
राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटें हाल ही में सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हुई हैं। इनमें कांग्रेस के डॉ मनमोहन सिंह और बीजेपी के भूपेंद्र यादव का कार्यकाल तीन अप्रैल को समाप्त हो रहा है। जबकि भाजपा के निवर्तमान सांसद किरोड़ी लाल मीणा के विधायक बनने के बाद तीसरी सीट खाली हुई है। अब इन तीनों सीटों पर चुनाव होगा। गौरतलब है की राज्यसभा में राजस्थान की कुल १० सीटें हैं। इनमें मौजूदा समय में कांग्रेस के ६ और बीजेपी के ३ सदस्य हैं। जबकि एक सीट खाली है। राज्यसभा सदस्य के चुनाव में विधानसभा के सदस्य वोटिंग करेंगे। वर्तमान में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के ११५ विधायक है, जबकि कांग्रेस के ७० विधायक हैं।
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