धर्मश्रवण में प्रमाद नहीं करना चाहिए : निपुणरत्न म सा - BHINMAL NEWS
One-should-not-be-careless-in-listening-to-religion-Nipunratna-Ma-Sa |
धर्मश्रवण में प्रमाद नहीं करना चाहिए : निपुणरत्न म सा - BHINMAL NEWS
पत्रकार माणकमल भंडारी भीनमाल
भीनमाल ( 26 फरवरी 2024 ) BHINMAL NEWS जिनवचन श्रवण से अज्ञानता दूर होती है । ज्ञान के बिना विवेक दुर्लभ है, बिना विवेक पाप मुक्ति संभव नहीं, अज्ञानता ही संसार का जड़ है । परमात्मा के समवशरण में 12 पर्षदा में एक केवली पर्षदा भी होती है, जिन्हें सबकुछ ज्ञात है । ऐसे केवली भी जिनवचन श्रवण करते हैं, तो हमारे जैसे अज्ञानी जीवों को धर्मश्रवण में प्रमाद कभी नहीं करना चाहिए ।
उक्त प्रेरक प्रवचन स्थानीय महावीर स्वामी जैन मंदिर उपाश्रय में निपुणरत्नविजय महाराज ने प्रवचन देते हुए कहे । मुनिराज ने कहा कि जिन्हें जिनवचन नहीं मिले, उससे अधिक जिनवचन श्रवण कर अनुसरण नहीं करने वाला अधिक दयापात्र है । आत्मद्रव्य की श्रद्धा जब तक नहीं होती, वहां तक शुभ प्रवृत्तियों का भी लक्ष्य मोक्ष नहीं होगा । वे शुभ प्रवृति भी संसार वृद्धि का कारण बनेगी, मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए जीवन में गुरु का मार्गदर्शन जरुरी है । बस में यात्री अनेक होते हैं, पर ड्राईवर एक ही होता है । पशुपालक के पास भैंस अनेक होती है, पर पालक एक ही होता है । वैसे हमारा जीवन भी किसी एक गुरु के ही नियंत्रित में होना चाहिए । क्योंकि जैसे किसी का पुत्र लंदन में रहता है, वहां भूकंप आने के समाचार सुनकर उसके पिता ही चिंतित होते हैं । वैसे गुरु अपने समर्पित जीवों की ही चिंता करते हैं ।
दिनेश दोशी ने बताया कि मुनिराज निपुणरत्नविजय म सा ने यहां दो दिन की स्थिरता कर जीरावलातीर्थ की ओर प्रस्थान किया । जहां वे 28 फरवरी को पहुंचें ।
मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया मुनिराज के भीनमाल पदार्पण पर सोहनराज बाफना, दिनेश दोसी, गुमानमल बाफना, मूलचंद कावेडी, पारसमल संघवी, दौलतराज मेहता, मदनलाल कावेडी, राजमल धोकड, सोमतमल सालेचा, दिनेश चौपडा सहित कई जैन समाज के बंधुओं ने अगवानी की ।
JALORE NEWS
खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें
एक टिप्पणी भेजें