अजब-गजब: बारात से पहले ही जलकर राख हो जाती है दुल्हन! देखते रह जाते हैं लोग, जानें पूरी कहानी - JALORE NEWS
अजीब-और-अद्भुत-शादी-बारात-आने से पहले ही दुल्हन जलकर राख हो गई, लोग देखते रहे |
अजब-गजब: बारात से पहले ही जलकर राख हो जाती है दुल्हन! देखते रह जाते हैं लोग, जानें पूरी कहानी - JALORE NEWS
जालौर (20 मार्च 2024) राजस्थान में आधिपत्य की प्रमुख भूमिका निभाई जाती है। यहां कई ऐसी परंपराएं हैं जो सदियों से प्रकट हो रही हैं। तो फिर आज हम आपके लिए एक जरूरी जानकारी ट्यूटोरियल जा रहे हैं। नमस्कार दोस्तों आज हम एक बार फिर से जालौर के इतिहास से जुड़ी जानकारी के साथ नए वीडियो लेकर आए हैं। अगर आप भी जालौर में रहते हैं तो यहां आपके लिए कुछ खास बातें जरूरी हैं। यहां वीडियो शुरू करने से पहले अगर आप हमारे चैनल पर अभी नए जुड़े हैं तो अभी चैनल को लाइक और शेयर करें ताकि आप सभी को पता चल सके कि राजस्थान के जालोर में लोक देवता इलोजी की भी मान्यता और परंपरा है। हर साल होली से पहले लोक देवता इलोजी की अनोखी बारात पारंपरिक रूप से निकाली जाती है, जिसमें शहर के सभी लोग बाराती शामिल होते हैं। इलोजी की प्रतिमा अनोखे तरीके से तैयार की गई है। भयानक कोड़ी पर राक्षस, सफा भी बांधा जाता है। इलोजी फैन से अपनी दुल्हन को बारात लेकर चलते हैं। नाचते-बाते सभी बाराती भक्त प्रह्लाद चौक पर हैं, सबसे पहले उनकी ही दुल्हन की मौत हुई है। ऐसे में शादी नहीं हो सकेगी। कहा जाता है कि इसके बाद इलोजी ने ताउम्र शादी ही नहीं की।
शहरवासी बाराती हैं
यह अनोखी बारात जालौर शहर में स्थित है, जहां बारात को लेकर आनंद भैरू मित्र मंडल और व्यापार मंडल सहित प्रशासन के लोग भी इस बारात में शामिल होते हैं। होली के दिन यह शाही बारात धूम-धाम से निकलती है। यह बारात शहर के स्टैंडर्ड चौक से घटिया है, जहां इलोजी या आनंद भैरू के रूप में एक युवा को जोड़ा जाता है। विशेष रूप से सजाकर, घोड़ी पर अस्त्र-शास्त्र, साफा का सामान तैयार किया जाता है। इस शाही बारात में शहरवासी भी साज-धज कर साफा बारात में शामिल होते हैं। ओल्ड ओएल, डीजे पर नाचते हुए यह बारात शहर के मुख्य बाजार से होती हुई चौक पर आयोजित हुई।
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ये है ये परंपरा
होलिका से बेहद प्रेम करते थे। उनकी शादी हिरण्यकश्यप की बहन होलिका से होने वाली थी, लेकिन बारात से पहले ही होलिका प्रह्लाद को जलाने के प्रयास में खुद ही जल गई। अपनी होने वाली पत्नी की मौत के शोक में प्रिंस इलोजी पूरी जिंदगी कुंवारें ही रह रहे हैं।
इलोजी और होलिका की प्रेम कहानी से जुड़ी है परंपरा
राजस्थान में इलोजी लोक देवता के रूप में पूजा की जाती है। इलोजी की कहानी कुछ ऐसी है कि वे हिरण्यकश्यप की बहन होलिका से प्यार करते थे। एक ओर शादी की तैयारी चल रही थी, वहीं दूसरी ओर हिरण्यकश्यप अपने बेटे विष्णु भक्त प्रहलाद को मारने की स्टेज रच रही थी। उसकी सारी कोशिश नाकाम हो रही थी. अंत में उन्होंने अपनी बहन होलिका की ली और भाई के दर्शन के लिए होलिका की मदद से अपने स्वामी प्रह्लाद को जलाने के लिए उन्हें लेकर आग में बैठ गए। इसके बाद भी उनकी आग में जलने से मौत हो गई।
यहां इलोजी बारात लेकर होलिका से विवाह करने की घटनाएं होती हैं, मगर रास्ते में ही उन्हें होलिका के निधन की खबरें आती हैं। अपने प्यार को बूथ गम में डुबाए इलोजी जले हुए शरीर को देखकर शानदार कल्पनाएं करते हैं और होलिका की राख को उनके शरीर पर चढ़ाकर वह ताम्र विवाह नहीं करते हैं। इसलिए उनकी याद में एक दिन पहले इलोजी देवता की बारात निकाली जाती है।
भगवान शंकर से श्रृंगार
कहा जाता है कि इलोजी महाराज को भगवान शंकर से अलंकरण मिला था। सच तो यह है कि लोक देवता इलोजी की कुंवारे पुरुष और महिलाएं पूजा करते हैं तो मन पूरी तरह से हो जाता है।
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