पूरणसिंह काबावत ने भूपेंद्र पटेल मुख्यमन्त्री गुजरात को पत्र लिखा - AAKOLI NEWS
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पूरणसिंह काबावत ने भूपेंद्र पटेल मुख्यमन्त्री गुजरात को पत्र लिखा - AAKOLI NEWS
आकोली ( 20 मई 2024 ) AAKOLI NEWS सम्राट वीर विक्रमादित्य सहित अन्य महापुरूषो के गौरवपूर्ण इतिहास को स्कूलो कि किताबो मे सामिल करने के लिए चलाई जा रही एक मुहीम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के रक्षामंत्री राजनाथसिंह केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ,योगी आदित्यनाथ मुख्यमन्त्री उत्तरप्रदेश ,राममोहन यादव मुख्यमन्त्री मध्यप्रदेश आदी को समाज के जागरूक युवा पूरणसिंह काबावत आकोली ने पत्र लिखने के बाद आज गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र फटेल को को पत्र लिखा
पत्र मे काबावत ने बताया कि पिछले 10 वर्षो से मोदी सरकार के कार्यकाल से हमारे राजस्थान कि जनता सहित पुरे देश कि जनता बहुत खुश व गदगद है हम सब आपके कायल है आपकी सरकार के कार्यकाल मे देश ने बहुत तरक्की कि है एवम विदेशो मे देश का डंका बजा है आगे आपको बताना चाहता हूँ कि पिछले कई दशको से गुलामी से ओतप्रोत सरकारो ने भारतीय संस्कृति को नष्ट-भ्रष्ट करने के उद्देश्य से देश के महापुरूषो के गौरवपूर्ण इतिहास को नजरअंदाज करने के लिए देश एवंम राज्यो कि स्कूलो कि विभिन्न कक्षाओ कि पाठ्यपुस्तको से इतिहास पुरूष सम्राट वीर विक्रमादित्य,वीरमदेव सोनगरा,पृथ्वीराज चव्हाण,राजा भोज,राणा सांगा,राजा भर्हतरी,जगदेव परमार, महाराणा प्रताप,झासी कि रानी,लक्ष्मीबाई रानी पद्मिनी ,हाडीरानी, मीराबाई ,तात्या टोपे, सरदार भगतसिंह,मंगल पाण्डे,सहित कई महापुरुषो के इतिहास को पाठ्य पुस्तको से हटा दिया जबकी इन्ही महापुरुषो के अथक प्रयासो से देश कि संस्कृति व देश को आक्रामकताओ से बचाऐ रखा था लेकिन सरकार कि गलत सोच कि भावना एवंम
गलत उद्देश्य से देश मे यौन शिक्षा को बढावा दिया जिससे देश कि संस्कृति को बडा आघात लगा अर्थात देश कि संस्कृति नष्ट-भ्रष्ट हो गई जिसके चलते पिता गुरूजनो का सम्मान,छोटे बडो का सम्मान,सत्य असत्य का भान सही गलत रास्ते का ध्यान आदी का कोई भान नही रहने से देश मे कई अनहोनी घटनाऐ घट रही है।
क्योंकि उन्होने भारतीय संस्कृति का पाठ पढा नही देश कि जनता के लिए उन महा पुरूषो ने जनता के हित को सर्वोपरी समझ कर देश कि रक्षा के खातिर आक्रान्ताओ से लोहा लेते हुए सिर कटने के बाद भी युद्ध लडते रहे ऐसी घटनाएं बहुत ही महत्वपूर्ण है ऐसी अनहोनी घटनाऐ भारत के अलावा अन्य देशो मे नही मिलती है यह ही नही राजा कि हार के बाद क्षत्राणियां अपने शरीर पर आक्रान्ताओ द्वारा दाग लगाने के डर से वे अपने स्वाभिमान कि रक्षा के खातिर हजारो क्षत्राणियां अग्नि मे समा जाना ,अग्नि स्नान अर्थात जौहर करना बहुत बडी बात है
लेकिन सरकार ने ऐसी घटनाऐ को नजरअंदाज कर देश के इतिहास मे जो स्थान, सम्मान मिलना चाहिए था वो स्थान नही मिला आज छोटे मोटे काम के लिए देश का सर्वोच्च नागरिक पुरूस्कार भारत रत्न दिया जाता है आगे काबावत ने भूपेंद्र पटेल जी मुख्यमंत्री गुजरात से अनुरोध किया कि इतिहास पुरूष सम्राट वीर विक्रमादित्य सहित सभी महापुरूषो का इतिहास का स्कूलो कि पाठ्य पुस्तको मे सामिल किया जाऐ क्योकि कहते है कि सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार ऐसे न्याय प्रिय सम्राट थे कि उनकी ख्याती देवताओ तक थी कहते है एक बार देवताओ ने सम्राट वीर विक्रमादित्य को उनका भी न्याय करने बुलाया था और उन्होंने देवताओ का न्याय किया था ऐसे वीर विक्रमादित्य का इतिहास जब बच्चे उनके द्वारा कि जनता के जन कल्याणकारी कार्यो को पढकर बच्चे भी उनके गुणो को अपनाने के लिए प्रेरित होगे एवंम उनके आदर्श गुणो को अपनाकर बच्चे बडे संस्कारी होगे एवंम अच्छी शिक्षा ग्रहण करके अपना अपने माता पिता गांव एवंम देश का नाम रोशन जरूर करेगे ।
अतः हमे आप से आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि आप ऐसे महापुरुषो के इतिहास को स्कूलो के पाठ्यक्रमो मे सामिल कर बच्चो को संस्कारी बनाने मे बडी भूमिका जरूर निभाऐगे ।
JALORE NEWS
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