लू-तापघात से बचाव में सावधानी रखें और सुरक्षित रहें - JALORE NEWS
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चिकित्सा संस्थान में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दिए निर्देश - Instructions given to provide better health facilities in medical institute
जालोर ( 24 मई 2024 ) JALORE NEWS प्रदेश में गर्म हवाएं चलनी शुरू हो गई है इस स्थिति में आमजन को लू-तापघात से भी सुरक्षित रहने के लिए ब्लॉक एवं ग्राम स्तर तक संबधित चिकित्सा अधिकारी एवं कर्मचारी को निर्देशित किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रमाशंकर भारती ने बताया कि गर्मी के मौसम में अधिक गर्मी के कारण लोगों का लू-तापघात से ग्रस्त होने की आंशका भी बढ जाती है। लू-तापघात से बचाव एवं उपचार के लिए समस्त बीसीएमओ को दिशा निर्देश दिये गये है एवं लू-तापघात से प्रभावित रोगीयों को आवश्यक उपचार एवं आमजन तक लू-तापघात से बचाव की जानकारी प्रसारित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ भजनाराम विश्नोई ने बताया कि गर्मी क प्रकोप में लू से कोई भी व्यक्ति ग्रसित हो सकता है किन्तु बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिलाओं का लू से प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है। कुछ आवश्यक उपायों को नियमित दिनचर्या में लाने से लू-तापघात से बचा जा सकता है।
लू- तापघात के लक्षण
सिर का भारीपन, सिरदर्द, अधिक प्यास लगना व शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मचलाना, सिर चकराना, अत्यधिक पसीना एवं बेहोशी आना व शरीर में ऐंठन, नब्ज़ असामान्य होना इत्यादि।
लू-तापघात से बचाव के उपाय
तेज धूप में निकलना आवश्यक हो तो ताजा भोजन कर उचित मात्रा में ठंडे जल का सेवन कर बाहर निकले, थोडे थौडे अन्तराल में ठंडे जल, छाछ व ताजा फलों के रस का सेवन करें, तेज धूप में बाहर निकलने पर छाते का उपयोग करें अथवा कपडे से सिर व बदन को ढक कर रखें।
लू लगने या तापघात होने पर यह करें
व्यक्ति को छायादार जगह पर लिटाएं और कपड़ो को ढीला कर दें, पेय पदार्थ जैसे छाछ, कच्चे आम का पना आदि पिलाएं, शरीर का तापमान बढ़ने पर ठंडे पानी की पट्टियां सर पर रखें, लू या तापघात से प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाकर चिकित्सकीय परामर्श दिलावें।
चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध करवायें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
उन्होंने बताया कि लू तापघात से ग्रसित गंभीर रोगियों को चिकित्सा संस्थानो में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए समस्त चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है। चिकित्सा संस्थानों में लू-तापघात के रोगियों के उपचार के लिए बैड आरक्षित रखें, वार्ड का तापमान कूलर व पंखे से ठंडा रखें, मरीज तथा उसके परिजनों के लिये शुद्व व ठंडे पेयजल की व्यवस्था रखने, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस, आईवी फ्लूड एवं आवश्यक दवाईयां की उपलब्धता रखने के निर्देश दिये गये है।
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