अरुंधति रॉय के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने को दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी
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अरुंधति रॉय के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने को दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी
दिल्ली ( 14 जून 2024 ) दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर के एक पूर्व प्रोफेसर के खिलाफ वर्ष 2010 में यहां एक कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. राज निवास के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि रॉय और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, नयी दिल्ली की अदालत के आदेश के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. रॉय और हुसैन की तरफ से इसपर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
इस मामले में कश्मीर के एक सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित की शिकायत पर 28 अक्टूबर, 2010 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
राज निवास के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया,“दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में अरुंधति रॉय और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 45 (1) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है.”
रॉय और हुसैन ने 21 अक्टूबर 2010 को यहां कॉपरनिकस मार्ग स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम में 'आजादी - एकमात्र रास्ता' के बैनर तले आयोजित एक सम्मेलन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे.
अधिकारी ने कहा, 'सम्मेलन में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई और जिन पर बात हुई, उनसे कश्मीर को भारत से अलग करने का प्रचार हुआ.'
कश्मीर को लेकर था भड़काऊ भाषण?
अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन ने कथित तौर पर भड़काऊ और भारत विरोधी भाषण दिए थे। सम्मेलन में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें "कश्मीर को भारत से अलग करने" की बात सबसे महत्वपूर्ण थी। सम्मेलन में भाषण देने वालों में सैयद अली शाह गिलानी, एसएआर गिलानी (सम्मेलन के एंकर और संसद हमले मामले के मुख्य आरोपी), अरुंधति रॉय, डॉ. शेख शौकत हुसैन और माओवादी समर्थक वारा वारा राव शामिल थे।
कश्मीर को अलग करने की बात कही थी
गिलानी और अरुंधति रॉय पर आरोप है कि इन्होंने इस बात का जोर-शोर से प्रचार किया कि कश्मीर कभी भी भारत का हिस्सा नहीं था और उस पर भारत के सशस्त्र बलों ने जबरन कब्जा किया हुआ है। इसमें यहां तक कहा गया कि भारत से जम्मू-कश्मीर की आजादी के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। शिकायतकर्ता द्वारा इसकी रिकॉर्डिंग भी दी गई है। कोर्ट ने 27.11.2010 को मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश के साथ शिकायत का निपटारा किया। इसके बाद एक एफआईआर दर्ज की गई और इसकी जांच की गई।
अब तक क्या-क्या हुआ?
अरुंधति रॉय और कश्मीर के शेख शौकत हुसैन के खिलाफ धारा 124-ए/153ए/153बी/504 और 505 और 13 यूए (पी) अधिनियम के तहत 29.11.2010 को मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले अक्टूबर, 2023 में, उपराज्यपाल ने आईपीसी की धारा 153ए/153बी और 505 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए उपरोक्त आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 196 के तहत मंजूरी दी थी।
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