जालोर ब्लड बैंक की खामियां उजागर: मरीजों को रक्त मिलने में भारी परेशानियां, प्रशासन से त्वरित समाधान की मांग - JALORE NEWS
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जालोर ब्लड बैंक की खामियां उजागर: मरीजों को रक्त मिलने में भारी परेशानियां, प्रशासन से त्वरित समाधान की मांग - JALORE NEWS
जालोर ( 26 नवंबर 2024 ) जालोर ब्लड बैंक और अस्पताल प्रशासन की खामियों के कारण मरीजों और उनके परिजनों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जालोर ब्लड डोनर ग्रुप के संरक्षक नितेश भटनागर ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर ब्लड बैंक की अव्यवस्थाओं और मरीजों की दिक्कतों को उजागर किया है।
नितेश भटनागर ने बताया कि जालोर ब्लड बैंक में रक्त का स्टॉक होने के बावजूद मरीजों को रक्त नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने अस्पताल और ब्लड बैंक प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब, असहाय और विकलांग मरीजों को भी रक्त के लिए दर-दर भटकना पड़ता है।इस अवसर पर नितेश भटनागर जिला संरक्षक जालोर ब्लड़ डोनर ग्रुप, तरुण सिद्धावत, हुक्मीचंद सोलंकी, लक्ष्मीकांत दवे, धनन्जय गेहलोत, तरूण राजपुरोहित, मुकेश सिंधी सहित अन्य मौजूद थे ।
मुख्य समस्याएं और मांगे
1. ब्लड बैंक की मनमानी:
ब्लड बैंक में पर्याप्त स्टॉक होने के बावजूद मरीजों को रक्त मुहैया नहीं कराया जा रहा। कई बार रक्त की समय सीमा खत्म होने के बाद उसे निष्कासित कर दिया जाता है, लेकिन मरीजों को उपलब्ध नहीं कराया जाता।
2. रात में ब्लड बैंक बंद:
रात 8 बजे के बाद ब्लड बैंक बंद हो जाता है। ऑन-कॉल व्यवस्था में मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। अस्पताल से एम्बुलेंस भेजकर स्टाफ को लाने की प्रक्रिया लंबी और असुविधाजनक है।
3. चैरिटी पर रोक:
पहले गरीब मरीजों को डॉक्टर और डोनर ग्रुप के माध्यम से निशुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन अब चैरिटी पर रोक लगा दी गई है। प्रत्येक ब्लड यूनिट के लिए मरीज को डोनर लाना अनिवार्य कर दिया गया है।
4. डॉक्टरों की अनावश्यक मांग:
कुछ डॉक्टर हर मरीज को तीन यूनिट रक्त चढ़ाने की सिफारिश करते हैं, जबकि कई मामलों में एक यूनिट पर्याप्त होती है। इससे मरीजों को अतिरिक्त परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
5. प्लाज्मा और प्लेटलेट्स की सुविधा का अभाव:
जालोर ब्लड बैंक में प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इसके लिए मरीजों को जोधपुर, उदयपुर या गुजरात जाना पड़ता है, जिससे समय और धन की बर्बादी होती है।
6. रक्तदान शिविर और जागरूकता की कमी:
ब्लड डोनर ग्रुप के अनुसार, रक्तदान को लेकर जिले में जागरूकता अभियान और शिविर आयोजित नहीं किए जाते। इससे लोग रक्तदान को लेकर जागरूक नहीं हो पा रहे हैं।
7. पार्किंग शुल्क:
अस्पताल परिसर में मरीजों और रक्तदान करने वालों से अवैध रूप से पार्किंग शुल्क लिया जा रहा है, जो मरीजों के लिए अतिरिक्त बोझ है।
8. ब्लड बैंक के कर्मचारियों की लापरवाही:
रक्तदान करने वालों और उनके परिवारों को भी रक्त के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
अपील
जालोर ब्लड डोनर ग्रुप ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ब्लड बैंक की सभी खामियों को तुरंत दूर किया जाए। ब्लड बैंक में प्लाज्मा और प्लेटलेट्स की सुविधा शुरू करने, गरीबों और जरूरतमंदों को निशुल्क रक्त उपलब्ध कराने, और रक्तदान जागरूकता अभियान शुरू करने की सख्त जरूरत है।
सलग्न प्रतिलिपि:
CMHO, जिला सरकारी अस्पताल जालोर
PMO, जिला सरकारी अस्पताल जालोर
ब्लड बैंक प्रभारी, जिला सरकारी अस्पताल जालोर
JALORE NEWS
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