राजस्थान पहुंचा चीन का वायरस HMPV, मास्क लगाना और हाथ धोना फिर करें शुरू
जयपुर ( 6 जनवरी 2025 ) बैंगलुरु के बाद अहमदाबाद में एचएमपीवी वायरस से संक्रमित पाया गया दो माह का बच्चा राजस्थान के डूंगरपुर जिले का है। बच्चे का परिवार राजस्थान के डूंगरपुर जिले से उपचार के लिए अहमदाबाद पहुंचा था। जहां जांच में उसके चीन में पैर पसार रहे इस वायरस की पुष्टि हुई है। अभी तक इस बच्चे की कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा संपर्क की हिस्ट्री नहीं मिली है।
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सर्दी के मौसम में श्वसन रोगों इंफ्लूएंजा, स्वाइन फ्लू और कोविड के प्रसार की आशंका देखते हुए एडवायजरी और अलर्ट जारी किया है। जिसमें गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और वृद्धजनों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है। प्रदेश के विशेषज्ञों का कहना है कि नए वायरस के बारे में अभी स्पष्ट तौर पर कुछ भी कहना उचित नहीं है। लेकिन इसकी आशंका को देखते हुए घबराने के बजाय एहतियात बरतनी चाहिए। जिसमें मुख्य तौर पर मास्क लगाने और हाथ धोने की सलाह शामिल है।
संक्रमित शिशु के गांव में घर-घर शुरू की सर्वे
डूंगरपुर में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है तथा संक्रमित मासूम के गांव क्षेत्र में चिकित्सा टीमों को घर-घर सर्वे के लिए तैनात कर दिया है।
बच्चा आइसोलेशन में
डूंगरपुर जिले के साबला ब्लॉक अंतर्गत ढाई माह के मासूम की तबीयत खराब होने पर उसे सागवाड़ा चिकित्सालय में 22 दिसंबर को भर्ती कराया था। बच्चे में श्वसन संक्रमण के लक्षण अधिक बढऩे पर उसकी तबीयत अधिक खराब हो गई। इस पर परिजन उसे अहमदाबाद चिकित्सालय ले गए। यहां चिकित्सकों की ओर से करवाई गई रिपोर्ट मेें बच्चा एचएमपीवी वायरस संक्रमित मिला है। बच्चे को फिलहाल आइसोलेशन में रखा है।
राज्य सरकार की एडवायजरी
लक्षण वाले मरीजों के लिए अस्पताल में पृथक आउटडोर
रोगी की पर्ची पर स्वाइन फ्लू, कोविड-19 की सील लगाकर दी जाए
जिला अस्पताल, सेटेलाइट अस्पताल और सब डिविजनल अस्पताल में वीटीएम, मास्क और पीपीएम किट उपलब्ध रहें
आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए जाएं, आईसीयू और वेंटिलेंटर पर्याप्त मात्रा में रहें
सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, सब डिविजिनल अस्पतालों में स्वाइन फ्लू सैंपल कलेक्शन सेंटर
जीनोम सिक्वेंसी के लिए सैंपल जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज भेजे जाएंगे
HMPV Virus: चिकित्सा मंत्री खींवसर बोले- यह सामान्य रोग, घबराएं नहीं; स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
HMPV Virus: भारत में चीन के खतरनाक वायरस HMPV की एंट्री के बाद हाहाकार मचा हुआ है। इसको लेकर राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा है कि देश में कुछ राज्यों में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के कुछ केस सामने आए हैं, लेकिन इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस वर्ष 2001 से मौजूद है, लेकिन रोगियों पर इसका प्रभाव सामान्य रहा है। इस वायरस से मौत का कोई मामला और चिंताजनक स्थिति सामने नहीं आई है।
यह वायरस घातक नहीं- मंत्री खींवसर
मंत्री खींवसर ने कहा है कि प्रतिवर्ष की भांति सर्दी के मौसम को देखते हुए बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्ति सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि होने पर अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श लें। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को इस वायरस के संबंध में सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें भी रपष्ट किया गया है कि यह वायरस घातक नहीं है।
खांसी-जुकाम जैसे सामान्य लक्षणों के साथ सर्दी के मौसम में आमतौर पर कुछ केस इस वायरस के सामने आते रहे हैं, जिस कम में विगत कुछ माह में मार्च से दिसम्बर तक देशभर में 9 केस चिन्हित हुए हैं।
चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार के अनुसार एचएमपी वायरस का प्रसार वर्तमान में नगण्य है, लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर प्रदेशभर में चिकित्सा अधिकारियों को सजग एवं सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, जांच, उपचार सहित अन्य आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
वायरस की प्रमाणिक जांच के लिए 5 लैब
उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में इस वायरस की प्रमाणिक जांच के लिए 5 वीआरडीएल लैब एम्स जोधपुर, सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर एवं एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में उपलब्ध हैं। किसी भी अस्पताल में इस वायरस के लक्षणों से संबंधित गंभीर रोगी सामने आने पर इन लैब में जांच करवाई जा सकती है।
उन्होंने कहा है कि कोई भी निजी अस्पताल किसी रोगी में इस वायरस के संभावित लक्षण पाए जाने पर प्रमाणिक जांच के लिए सैम्पल इन वीआरडीएल लैब में ही भिजवाएं। साथ ही, इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को भी सूचित करें।
स्वास्थ्य विभाग की ने क्या कहा?
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड ने कहा कि डूंगरपुर का दो माह का एक बच्चा अहमदाबाद में उपचाराधीन है। प्री-मैच्योर डिलीवरी से जन्मे इस बच्चे में एचएमपी वायरस के लक्षण सामने आए हैं, लेकिन बच्चे की स्थिति वर्तमान में सामान्य है। सर्दी, खांसी-जुकाम से पीड़ित यह बच्चा उपचार के दौरान अहमदाबाद में निजी अस्पताल में 26 दिसम्बर को एचएमपीवी से पॉजिटिव पाया गया था, जिसका उपचार चल रहा है और वह फिलहाल ठीक है। राजस्थान में अभी तक इस वायरस का कोई केस सामने नहीं आया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की ये एडवाइजरी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि मेटान्यूमोवायरस किसी भी अन्य श्वसन वायरस की तरह है, जो सर्दी के दिनों में फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है। ऐसे में खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल रखें। हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचे। खूब पानी का सेवन करें। बीमार हैं तो दूसरों से दूरी बनाकर रखे।
एक्स पर Lockdown क्यों कर रहा ट्रेंड? HMPV वायरस को लेकर सरकार ने कहा कि
भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के तीन मामले पाए गए है। दो बेंगलुरु में और एक मामला अहमदाबाद में मिला है। ये मामले शिशुओं में पाए गए और उनमें से एक को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जैसे ही चीन में HMPV प्रकोप की खबरें सामने आईं, सोशल मीडिया पर #लॉकडाउन (#Lockdown) ट्रेंड करने लगा, लोगों ने HMPV उछाल और चीन में 2019-2020 में कोविड-19 प्रकोप के बीच समानताएं बताई। कोविड बाद में वैश्विक महामारी बन गई। कोविड के मामले सबसे पहले चीन के वुहान में सामने आए और इसके बाद यह तेजी से दूसरे देशों में फैल गया। भारत में कोविड-19 का पहला मामला जनवरी 2020 में केरल में सामने आया था। अमेरिका के बाद भारत COVID-19 प्रकोप से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों में से एक था।
क्या है HMPV?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक वायरस है, जो न्यूमोविरिडे परिवार से संबंधित है, यह परिवार रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) से जुड़ा हुआ है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे होते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को बुखार, खांसी और गले में खराश, नाक बंद या बहना, वहीं, गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई भी होती है। इसकी खोज सबसे पहले 2001 में हुई थी और यह खास तौर पर शिशुओं, वृद्धों और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में जल्दी फैलता है।
‘घबराने की कोई जरूरत नहीं’
लोगों को डर है कि एचएमपीवी के मामलों में उछाल से एक और वैश्विक प्रकोप हो सकता है और सरकार को इसे नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। हालांकि, चिकित्सा अधिकारी लोगों से कह रहे हैं कि “घबराएं नहीं” क्योंकि यह वायरस वैश्विक स्तर पर प्रचलन में है और यह कोई नया रोगजनक नहीं है। केंद्र और भारत के शीर्ष चिकित्सा निकाय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि धबराने की जरूरत नहीं है और HMPV वायरस नया नहीं है यह पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है।
स्थिति चिंताजनक नहीं है- चिकित्सा शिक्षा मंत्री
बेंगलुरु में HMPV के दो मामलों का पता चलने पर, कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश ने कहा, “बेंगलुरु में दो मामले पाए गए हैं, लेकिन स्थिति चिंताजनक नहीं है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, ये हल्के मामले हैं, दोनों बच्चों (जिनमें HMPV पाया गया) में से एक को छुट्टी दे दी गई है और दूसरे की हालत भी ठीक है। चिंता की कोई बात नहीं है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, यह सामान्य सर्दी का हल्का रूप है। भारत सरकार भी इस पर कड़ी निगरानी रख रही है। हमारे चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सलाह जारी की है। अभी तक किसी परीक्षण की आवश्यकता नहीं है।”
ICMR ने कहा, “HMPV कोई नया वायरस नहीं है, यह दुनिया में पहले से ही मौजूद है। HMPV से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले विभिन्न देशों में रिपोर्ट किए गए हैं। इसके अलावा, ICMR और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) नेटवर्क के वर्तमान आंकड़ों के आधार पर, देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह भारत में HMPV का पहला मामला है, यह सच नहीं है क्योंकि HMPV एक मौजूदा वायरस है, और कुछ प्रतिशत लोग इस वायरस से प्रभावित होते हैं और यह कोई नई बात नहीं है।”
HMPV से गंभीर बीमारी की संभावना बहुत कम है
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) के अधिकारी डॉ. अतुल गोयल ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा, “चीन में मेटान्यूमोवायरस के प्रकोप के बारे में खबरें चल रही हैं। मैं इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट होना चाहता हूं। मेटान्यूमोवायरस किसी भी अन्य श्वसन वायरस की तरह है, जो सामान्य सर्दी का कारण बनता है, और बहुत बूढ़े और बहुत छोटे लोगों में यह फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।” वहीं नई दिल्ली स्थित एम्स के सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. हर्षल आर. साल्वे ने आईएएनएस को बताया, “ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कोई नया वायरस नहीं है। यह लंबे समय से भारत में प्रचलित फ्लू वायरस का हिस्सा रहा है। इसलिए, भारत की अधिकांश आबादी ने इसके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है।” उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारी की संभावना बहुत कम है।
HMPV से खुद को कैसे सुरक्षित रखें?
क्या करें
खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें।
साबुन, पानी या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से बार-बार हाथ धोएं।
यदि किसी को बुखार, खांसी या छींक हो तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें
खूब पानी पियें और पौष्टिक आहार लें।
संक्रमण को कम करने के लिए सभी क्षेत्रों में पर्याप्त वेंटिलेशन बनाए रखें।
क्या न करें
हाथ मिलाना, टिशू पेपर और रूमाल का उपयोग, बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क, आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना और डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयां लेने से बचें वर्तमान में, HMPV के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। उपचार सहायक है और संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्के मामलों के लिए, आराम, पर्याप्त जलयोजन और बुखार और नाक की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं पर्याप्त है।
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