राजस्थान में ‘मॉक ड्रिल’: तीन कैटेगरी में बांटी गई 28 जगह, जानें कौनसा स्थान है सबसे संवेदनशील?
जयपुर ( 6 मई 2025 )Mock Drill in Rajasthan: भारत सरकार ने नागरिक सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बुधवार को 244 शहरों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट की घोषणा की है। राजस्थान के जयपुर समेत राज्य के 28 शहरों में शाम 4 बजे मॉक ड्रिल और रात 10 बजे ब्लैकआउट किया जाएगा।
सरकार ने युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए आमजन के लिए नागरिक सुरक्षा और जागरूकता गाइडलाइन भी जारी की है। आम नागरिकों को इसमें सक्रिय भागीदारी और संयम के साथ सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर 7 मई 2025 को देशभर में सिविल डिफेंस की बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल की जाएगी। राजस्थान के 28 स्थानों पर इस मॉक ड्रिल के तहत शाम 4 बजे अलर्ट सायरन बजेंगे और युद्ध जैसी आपातकालीन परिस्थितियों का अभ्यास किया जाएगा। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा, नागरिकों को जागरूक करना और आपदा प्रबंधन की तैयारी को परखना है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, 244 सिविल डिफेंस जिलों में यह अभ्यास एक साथ किया जाएगा। इसके दो मुख्य चरण होंगे, पहला- सेल्फ डिफेंस यूनिट की सक्रियता की समीक्षा और दूसरा- नागरिकों को प्रशिक्षण देना है।
राजस्थान में 3 श्रेणियों में बांटे जिले
बता दें, गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद राजस्थान सरकार ने मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर कमर कस ली है। मुख्य सचिव सुधांश पंत शाम 4 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के अधिकारियों के साथ मॉक ड्रिल की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
1. सबसे संवेदनशील क्षेत्ररावतभाटा (चित्तौड़गढ़) – न्यूक्लियर प्लांट और यूरेनियम भंडार के कारण कोटा – रावतभाटा से निकटता और सामरिक महत्ता2. मध्यम संवेदनशील क्षेत्रइन जिलों में थल सेना, वायुसेना और अन्य सामरिक महत्व के प्रतिष्ठान हैं। जैसे- जयपुर, अजमेर, अलवर, भरतपुर, जोधपुर, बीकानेर, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, उदयपुर, सीकर सहित 18 स्थान हैं।
3. कम संवेदनशील क्षेत्रइसमें कुल 8 स्थान हैं, जहां खतरा कम लेकिन सतर्कता जरूरी मानी गई है। ये जगह फुलेरा, ब्यावर, जालौर, नागौर, पाली सहित कुल 8 स्थान हैं।
ड्रिल में क्या-क्या होगा शामिल?
1. हवाई हमले के सायरन की जांच और उसके प्रति जागरूकता का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2. हमले की स्थिति में नागरिकों और छात्रों को अलर्ट करना।3. हवाई हमले के दौरान ब्लैकआउट यानी लाइट बंद करने का अभ्यास।4. दुश्मन के विमानों से बचाव के लिए संयंत्रों को ढंकने और छुपाने की ट्रेनिंग।
5. हमले के संभावित स्थानों को खाली कराने का रिहर्सल।6. नागरिक प्रशिक्षण – प्राथमिक उपचार, टॉर्च, मोमबत्ती, मोबाइल चार्ज रखना, गर्भवती महिलाओं, बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था, कैश अपने पास रखना (इंटरनेट बाधा की स्थिति में)
7. विभिन्न सेवाओं की त्वरित प्रतिक्रिया का मूल्यांकन – फायर ब्रिगेड, बचाव दल, वार्डन सेवा
हमले के बाद सुरक्षा तैयारियों का परीक्षण
गौरतलब है कि मॉक ड्रिल का आयोजन ऐसे समय पर हो रहा है जब कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत जवाबी कार्रवाई की रणनीति बना रहा है। इसी पृष्ठभूमि में देशभर में सिविल डिफेंस को अलर्ट पर रखा गया है। दिल्ली में गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग में यह फैसला लिया गया, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिव, NDRF, NDMA, DG Fire, DG Civil Defence और एयर डिफेंस से जुड़े अधिकारी शामिल हुए।
नागरिकों से अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे ड्रिल के दौरान संयम बनाए रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें, और प्रशिक्षण में सक्रिय भागीदारी करें। यह अभ्यास न केवल सुरक्षा बलों के लिए बल्कि हर नागरिक को आत्मनिर्भर और सजग बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने के संबंध में बुधवार को होगी मॉक ड्रिल
गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने के संबंध में 7 मई, बुधवार को नागरिक सुरक्षा अभ्यास/पूर्व अभ्यास (मॉक ड्रिल) का आयोजन किया जायेगा।
मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिविल डिफेंस, अग्निशमन सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की रेस्पोंस टाइम, ब्लैकआउट उपायों के क्रियान्वयन का आंकलन तथा आपातकालीन निकासी योजनाओं की तैयारी और उनके कार्यान्वयन का मूल्यांकन किया जायेगा।
बुधवार को होने वाली नागरिक सुरक्षा अभ्यास/पूर्व अभ्यास (मॉक ड्रिल) के तहत ब्लैक आउट उपायों का अभ्यास किया जायेगा जिसके तहत सायरन सुनाई देने पर जिला मुख्यालय एवं सभी प्रमुख कस्बों व ग्राम स्तर पर नागरिकों द्वारा घर की सभी लाईटें बंद कर ब्लैक आउट ड्रिल का अभ्यास किया जायेगा।
युद्ध के दौरान पालन करने योग्य 25 आवश्यक बिंदु:
1-युद्धकालीन तैयारी
1-हवाई सायरन बजते ही शांत रहें और आश्रय स्थल पर जाएँ।2-घर में कम से कम 7 दिन का राशन, पानी और दवाइयाँ रखें।
3-टॉर्च, पावर बैंक, मास्क और प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।4-बिजली, गैस आदि की सप्लाई बंद कर दें।5-परिवार के सभी सदस्यों के दस्तावेज़ और ब्लड ग्रुप जानकारी रखें।
II. बहुमंजिला इमारतों में सावधानी
6-लिफ्ट का प्रयोग न करें, सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।7-खिड़कियों से दूर रहें, शीशे टूट सकते हैं।8-बाथरूम की मजबूत दीवार के पास शरण लें।9-प्रत्येक मंजिल पर निकासी मार्ग चिन्हित करें।
10-बच्चों के लिए अलग सुरक्षा बैग तैयार रखें।
III.मुहल्ला/सोसाइटी स्तर पर तैयारी
11-हर गेट पर गार्ड और CCTV अनिवार्य करें।12-साप्ताहिक मॉक ड्रिल और सुरक्षा बैठकें आयोजित करें।13-महिलाओं और बच्चों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दें।
14-पड़ोस में ‘नेबरहुडवॉच’ ग्रुप बनाएं।15-WhatsApp/Telegram पर अलर्ट ग्रुप बनाकर गलत सूचना से बचें।
IV. सायरन या धमाके के बाद
16-‘Drop, Cover, Hold’ मुद्रा अपनाएं।17-घायल होने पर प्राथमिक उपचार करें या सहायता लें।
18-कोई संदिग्ध वस्तु न छुएँ – पुलिस को सूचित करें।19-रेडियो/सरकारी अलर्ट के बिना बाहर न निकलें।20-पालतू जानवरों के लिए रस्सी, खाना और पानी रखें।
V. मानसिक और सामाजिक तैयारी
21-बुजुर्गों और बच्चों को मानसिक रूप से शांत रखें।22-‘मैं सुरक्षित हूँ’ संदेश SMS/WhatsApp से भेजें, कॉल न करें।23-सकारात्मक सोच और संयम बनाए रखें।24-फर्जी सूचनाएँ सोशल मीडिया पर न फैलाएँ।
25-एकजुट रहें – जाति-धर्म का भेद भूलकर देशहित में सहयोग करें।
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