खराब जीवन शैली और तनाव बढ़ा रही मानसिक बीमारी , मानसिक रोग से बचाव के लिए जरूरी है इलाज : नोडल अधिकारी - JALORE NEWS
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झाड़-फक नहीं ऊपचार कराएं : मानसिक रोगों और समस्याओं का इलाज भी लें और शर्माए नहीं छुटकारा पाएं -Do not get ridiculed: Take treatment of mental diseases and problems and do not get rid of shyness
अलीगढ़ ( 15 अक्टूबर 2022 ) आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी किसी न किसी बात को लेकर तनाव ग्रस्त रहते हैं। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव एक आम समस्या बन चुका है। छोटे से लेकर बड़े तक, आज हर तीसरा व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है। तनाव की स्थिति तब होती है, जब हम दबाव लेने लगते हैं और जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक रूप से सोचने लगते हैं। यह समस्या शारीरिक रूप से कमजोर करने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी आहत करती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति न तो ठीक से काम कर पाता है और न ही अपने जीवन का खुलकर आनंद उठा पाता है। यह कहना है नोडल अधिकारी डॉ. बीके सिंह राजपूत का।
नोडल अधिकारी ने बताया कि मानसिक रोग से बचाव के लिए इलाज जरूरी है। मानसिक तनाव में कार्यशैली और संबंधों पर बुरा असर पड़ने के चलते उसमें जीने की इच्छा भी खत्म हो जाती है। जाहिर है कि तनाव में रहने वाले अधिकतर लोग आत्महत्या की ओर कदम बढ़ा लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जरूरी है कि परिवार के साथ समय बिताएं और शौक विकसित करें। इसके अलावा योग, ध्यान और आहार पर विशेष ध्यान दें। सबसे जरूरी है कि तनाव का स्तर बर्दाश्त से बाहर होने पर नजर अंदाज न करें और तत्काल विशेषज्ञ की सलाह लें।
मलखान सिंह जिला चिकित्सालय अस्पताल के मुख्य मनोचिकित्सक डॉ. अमित सिंह का कहना है कि कोविड के बाद से मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं में आश्चर्यजनक रूप से उछाल आया है। लोग मानसिक रोग से ज्यादा विकसित हो रहे हैं। समय रहते इस बीमारी का इलाज पूरी तरह से सम्भव है। उन्होंने कहा कि जो लोग किसी वजह से परेशान हैं यानि डिप्रेशन में जी रहे हैं, उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि अधिकतर अकेले में रहने वाले डिप्रेशन रोगी परेशान होकर गलत कदम उठा लेते हैं। ऐसे लोगों पर ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। मानसिक अस्वस्थता किसी भी उम्र में हो सकती है।
कोविड के बाद बढ़ी चुनौतियां, अभी तक दे रहा मानसिक तनाव :
आज महामारी के समय में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को काफी असर पड़ा है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ क्योंकि सभी आयुवर्ग और व्यवसायों के लोग मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अभी तक भुगत रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मी और अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ता एवं छात्र व छात्राएं अकेले रहने वाले लोग और पहले से प्रभावित मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति वाले लोग भी विशेष रूप से इसकी चपेट में ग्रसित हुए हैं।
डॉ नीरज त्यागी,
सीएमओ अलीगढ़।
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मानसिक तनाव दूर करना है तो इसे आजमाएं :
- एक्सरसाइज, योग, ध्यान और खानपान पर ध्यान दें।
- लोगों से मिले और बातें करें।
- सकारात्मक विचारों को अपनाएं।
- अच्छी पुस्तकें पढ़ें।
- नींद पूरी लें, इससे काफी अच्छा असर पड़ेगा।
- सोशल मीडिया और कंप्यूटर पर काम कम करें।
- बच्चों के साथ समय बिताएं। उन्हें इनडोर की बजाय आउटडोर गेम खेलने भेजें।
-यदि समस्या ज्यादा बढ़े तो डॉक्टर के सुझाव लें।
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क्या होता है तनाव:
जिला चिकित्सालय के मनौवैज्ञानिक विभाग की कंसलटेंट डॉ. अंशु एस सोम ने बताया कि मनुष्य का उदास या निराश होना स्वाभाविक है, लेकिन जब ये एहसास काफी लंबे समय तक बना रहे तो समझ जाइए कि वो तनाव की स्थिति में है। यह एक ऐसा मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता। उसे अपना जीवन नीरस, खाली-खाली और दुखों से भरा लगता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग कारणों से तनाव हो सकता है। किसी बात या काम का अत्यधिक दबाव लेने से यह समस्या पैदा हो जाती है। जैसा हम शारिरिक लोगों को लेकर जागरूक हैं, और इलाज लेने में शर्मिंदा महसूस नहीं करते वैसे ही मानसिक रोगों और समस्याओं का इलाज भी लें और शर्माए नहीं छुटकारा पाएं।
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