International Day of the Girl Child 2022 Wishes
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खिलाफ भेदभाव, हिंसा, शिक्षा का उचित अवसर न देना जैसे कई मुद्दों के खिलाफ आवाज बुलंद किया जा रहा है. इस दिन दुनिया भर की बालिकाओं के प्रति सम्मान और प्यार जाहिर किया जाता है. इसके साथ ही बालिकाओं के अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 11 October को मनाया जाता है ताकि बालिकाओ के सामने आने वाली समस्या, चुनोतिओ ओर उनके अधिकारों के संरक्षण मे बारे मे जागरूकता फैलाई जाए. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2021 मे कब है उनसे पहेले आपको ये जानना जरूरी है की अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पहेली बार कब बनाया गया ओर अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास क्या है. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 October 2021 मे मनाया जाएगा.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है?
प्राचीन काल की बात करे तो प्राचीन काल मे महिला ओर औरत का बहुत सम्मान किया जाता था. उस वक्त महिला साधू ओर संत की तरह पूजनीय थी। परन्तु जैसे जैसे समय बीतता गया महिला को माता की तरह पूज ने वाले ही उन पर अत्याचार करने लगे ओर लोगो की सोचा मे बदलाव आने ने कारण बाल विवाह प्रथा, सती प्रथा, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण ह्त्या इत्यादि प्रथाए काफी प्रचलित हुआ करती थी.
एसी प्रथा के प्रचलित होने के कारण लडकी ओ को शिक्षा, प्रशिक्षण, कानूनी अधिकार ओर चिकित्सा जैसे अधिकारों से वंचित रखा जाता था. लड़की को घर का सदस्य न मान कर एक बोज ओर परेशानी समजा जाता था. लेकिन अब इस आधुनिक युग मे लड्की ओ को लड़के जे से से ओर उनके अधिकार देने के प्रयास मे हर साल 11 October को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस या राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. जिसमे भारत सरकार अपने काफी प्रयास के रहे है.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की पहल अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन “प्लान इंटरनेशनल” ने एक प्रोजेक्ट के जरिये की थी. इस संगठन के “क्योकि मैं एक लड़की हूँ” अभियान शुरू करने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर विस्तार करने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया. उस पर कनाडा सरकार ने शहकारदे कर अपने 55वे आम सभा मे अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के लिए प्रस्ताव को रखा. आखिर मे संयुक्त राष्ट्र ने 19 December 20111 को प्रस्ताव पारित किया उसके बाद 11 October को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के लिए चुना गया. इसी तरह पहेली बार 11 October 2012 को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाया गया.
भारत सरकार ने भी बालिका के सशक्ति के लिए बहोत से योजना लागू की है जिसमे “बेटी बचाओ ओर बेटी पढ़ावों” जिसको बहोत ही सराहनीय योजना माना गया उसके बाद भारत सरकार ने लड़की मे पढ़ाई के लिए स्कूल फी माफ करने से ले कर लडकी को को स्कोलेरशिप भी दि जाती है
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब से मनाया जा रहा है
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2012 से हर साल 11 October को मनाया जा रहा है. बालिका दिवस का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण ओर उनको पहले न मिलने वाले अधिकरो को वापिस दिला ना है ताकि लडकी उनके सामने आपने वाली लैंगिक ओर दूसरी अमानताओ का सामना कर अपना जीवन पर केआर सके ओर अभी तक जो भी असमनता चली आ रहिए है उसको कम या समाप्त की जा सके.
Rashtriya Balika Diwas Par Kavita
1 , घर की मुस्कान होती है बेटियाँ,
माँ-बाप की जान होती है बेटियाँ,
मुसीबत में खड़ी पास होती है बेटियाँ,
सोचो कितनी महान होती है बेटियाँ.
2 नाजुक सा दिल रखती है
मासूम सी होती हैं बेटियाँ,
3 बात बात पर रोती हैं
नादान सी होती हैं बेटियाँ
घर महक उठता है
जब मुस्कुराती है बेटियाँ,
4 , सूनापन फ़ैल जाता है
जब घर से दूर जाती है बेटियाँ
ईश्वर कर वरदान होती है बेटियाँ,
माँ-बाप की मुस्कान होती है बेटियाँ,
5 , दो-दो घरों की जान होती है बेटियाँ,
सोचो कितनी महान होती है बेटियाँ.
Message For International Girl Child Day
काश !!! हर सुबह नवरात्रि की अष्टमी सी होती
हर किसी की नजर में बेटियाँ देवी सी होती
बालिका दिवस पर कविता
जीने का उसको भी अधिकार,
चाहिए उसे थोडा सा प्यार।
2
जन्म से पहले न उसे मारो,
कभी तो अपने मन में विचारो।
शायद वही बन जाए सहारा,
डूबते को मिल जाए किनारा॥
3
अल्लाह उन की अक़्ल का पर्दा ज़रा हटा
फिर अपनी बेटियों को जलाने लगे हैं लोग
- मोहम्मद अली साहिल
बेटियों को बचा के रखिए 'कँवल'
इन को पाने में वक़्त लगता है
- रमेश कँवल
हो गई 'रज़ा' रुख़्सत घर से बेटियाँ लेकिन
हो गई 'रज़ा' रुख़्सत घर से बेटियाँ लेकिन
अब तलक निगाहों में डोलियाँ महकती हैं
- सलीम रज़ा रीवा
रिश्ते के उलझे धागों को धीरे धीरे खोल रही है
बिटिया कुछ कुछ बोल रही है पूरे घर में डोल रही है
- प्रताप सोमवंशी
घर में जब बेटियाँ नहीं होंगी
घर में जब बेटियाँ नहीं होंगी
पेड़ पर टहनियाँ नहीं होंगी
- बिल्क़ीस ख़ान
होंगी जिस घर में बेटियाँ यारो
होंगी जिस घर में बेटियाँ यारो
उस का माहौल ख़ुशनुमा होगा
- अभिषेक कुमार अम्बर
ख़ून अपना बेच कर आया है इक मजबूर बाप
बेटियों के हाथ पर मेहंदी लगाने के लिए
- अब्बास दाना
तू अगर बेटियाँ नहीं लिखता
सब की माएँ भी बेटियाँ ही थीं
आज बेटी बनी मुसीबत क्यूँ
- मर्ग़ूब असर फ़ातमी।
भले ही हम आधुनिक युग में जी रहे हैं, बावजूद इसके दुनिया के कई हिस्सों में आज भी लड़कियों के साथ भेदभाव किया जाता है और उन्हें प्रताड़ित किया जाता है. आज भी कई जगहों पर लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता है, पैदा होने से पहले ही उन्हें मार दिया जाता है. अशिक्षा, बाल विवाह, भेदभाव, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना जैसी कई समस्याओं से आज भी बालिकाएं जूझ रही हैं. ऐसे में अतंरराष्ट्रीय बालिक दिवस दुनिया भर की लड़कियों के लिए समानता और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक मंच प्रदान करता है.
Girl Child Day Heart Touching Shayari
बहुत सरल है पेट में करना मुझ पर वार
हिम्मत है तो ऐ माँ !!! मुझको पैदा करके मार
1 वह घर होता स्वर्ग समान...
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं
2- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,
समाज को प्रगति के मार्ग ले जाओ.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं
3 बेटियां ही हैं इस जग की पहचान,
इन्हें दो जीने का वरदान...
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं
4- बेटी कुदरत का उपहार,
नहीं करो उसका तिरस्कार,
जो बेटी को दे पहचान,
माता-पिता वही महान.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं
5- बेटी को मत समझो भार,
ये तो है जीवन का आधार.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं
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