Gufi Paintal Passed Away: नहीं रहे महाभारत के 'शकुनि मामा' गूफी पेंटल, 78 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
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Gufi Paintal Passed Away: नहीं रहे महाभारत के 'शकुनि मामा' गूफी पेंटल, 78 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
मुंबई ( 4 जुन 2023 ) Gufi Paintal Passed Away: महाभारत में शकुनि का किरदार निभाने वाले गूफी पेंटल का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 78 साल के थे। पेंटल पिछले 8 दिनों से मुंबई के अंधेरी स्थित अस्पताल में भर्ती थे। गूफी को दिल और किडनी संबंधी बीमारी थी। गूफी के भतीजे, हितेन पेंटल और महाभारत में उनके साथी कलाकार सुरेंद्र पाल ने निधन की पुष्टि की है। आज शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
एक हफ्ते पहले गूफी की तबियत बिगड़ी थी। उस वक्त वे फरीदाबाद में थे। पहले उन्हें फरीदाबाद के एक हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। फिर कंडीशन खराब होने पर उन्हें मुंबई लाया गया।
महाभारत के 'शकुनि मामा' गूफी पेंटल ने आज यानी 5 जून को इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनका निधन 78 साल की उम्र में हुआ है। एक्टर ने बीआर चोपड़ा के पॉपुलर टीवी शो महाभारत में शकुनि का भूमिका निभाकर काफी अधिक लोकप्रियता हासिल की थी। हालांकि, अब वह हमारे बीच नहीं है। वह पिछले काफी दिनों से बीमार थे और मुंबई अंधेरी स्थित एक अस्पताल में भर्ती थे। इस बात की जानकारी उनके भतीजे हितेन पेंटल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर दी है।
टीवी एक्ट्रेस टीना घई ने कुछ दिन पहले एक्टर की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए फैंस से उनके लिए प्रार्थना करने की अपील की थी।
फिल्म रफू चक्कर से डेब्यू किया, महाभारत से घर-घर पहचान मिली
गूफी ने 1975 में 'रफू चक्कर' से बॉलीवुड डेब्यू किया था। 80 के दशक में वे कई फिल्मों और टीवी शोज में नजर आए। हालांकि, गूफी को असल पहचान 1988 में बीआर चोपड़ा के सुपरहिट शो 'महाभारत' से मिली थी। शो में उन्होंने शकुनि मामा का किरदार निभाया था। गूफी आखिरी बार स्टार भारत के शो 'जय कन्हैया लाल की' में नजर आए थे।
बीआर चोपड़ा के टीवी सीरियल महाभारत में साथी कलाकार पुनीत इस्सर के साथ गूफी पेंटल।
बीआर चोपड़ा के टीवी सीरियल महाभारत में साथी कलाकार पुनीत इस्सर के साथ गूफी पेंटल।
गूफी ने बताया था आर्मी जवान से शकुनि बनने का सफर
एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले गुफी पेंटल आर्मी में थे। से हुई खास बातचीत में पेंटल आर्मी जवान से शकुनि बनने की कहानी शेयर की थी। उन्होंने कहा था, "1962 में भारत-चीन के बीच जब युद्ध चल रहा था, तब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। युद्ध के दौरान भी कॉलेज में आर्मी की भर्तियां चल रही थीं। मैं हमेशा से आर्मी में जाना चाहता था। पहली पोस्टिंग चीन बॉर्डर पर आर्मी आर्टिलरी में हुई थी।
बॉर्डर पर मनोरंजन के लिए टीवी और रेडियो नहीं होता था इसलिए हम बॉर्डर पर (सेना के जवान) रामलीला करते थे। रामलीला में मैं सीता का रोल करता था और रावण बना शख्स स्कूटर पर आकर मेरा अपहरण करता था। मुझे एक्टिंग का शौक तो था ही, इससे कुछ ट्रेनिंग भी मिल गई।"
ये तस्वीर 2020 की है, जब पेंटल द कपिल शर्मा शो में पहुंचे थे।
पेंटल ने से कहा था, "एक्टिंग में इंटरेस्ट बढ़ने लगा तो अपने छोटे भाई कंवरजीत पेंटल के कहने पर 1969 में मुंबई आ गया था। मॉडलिंग और एक्टिंग सीखी और कई फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया। इस दौरान बीआर चोपड़ा की महाभारत में कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर काम करने का मौका मिला।
मैं महाभारत में शकुनि के कैरेक्टर के लिए परफेक्ट फेस की तलाश में थे। मैंने शो के लिए सभी कैरेक्टर्स का ऑडिशन लिया था। मैंने इस रोल के लिए तीन लोगों को चुना था। इस बीच शो की स्क्रिप्ट लिख रहे मासूम रजा की नजर मुझ पर पड़ी और उन्होंने मुझे ही शकुनि का रोल करने की सलाह दी। इस तरह मैं महाभारत का मामा शकुनि बन गया।
मैंने इससे पहले टीवी सीरियल बहादुर शाह जफर में लार्ड मेटक्लैफ का रोल प्ले किया था। शकुनि का किरदार मिलने पर इस बात की चिंता थी कि परिवार वालों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। उनके किरदार को सभी ने पसंद किया और तारीफ भी की।"
मॉडलिंग में भी आजमा चुके है किस्मत
गुफी पेंटल का असली सरबजीत सिंह पेंटल था। उनका जन्म 4 अक्टूबर, 1944 को पंजाब के तरणतारण में हुआ था। वह बॉलीवुड के मशहूर एक्टर पेंटल के बड़े भाई हैं। वह इंजीनियर भी रह चुके है। वह 1969 में मुंबई आए थे और उन्होंने शुरुआती दिनों में मॉडलिंग में भी हाथ आजमाया था।
कैसे अर्मी जवान से शकुनि बने- गूफी पेंटल
मीडिया इंटरव्यू के मुताबिक गूफी पेंटल एक्टिंग में आने से पहले वह अर्मी में थे. उन्होनें भास्कर में दिए इंटरव्यू में कहा- 1962 में भारत-चीन के बीच जब युद्ध चल रहा था, तब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. युद्ध के दौरान भी कॉलेज में आर्मी की भर्तियां चल रही थीं. मैं हमेशा से आर्मी में जाना चाहता था. पहली पोस्टिंग चीन बॉर्डर पर आर्मी आर्टिलरी में हुई थी.
बॉर्डर पर मनोरंजन के लिए टीवी और रेडियो नहीं होता था इसलिए हम बॉर्डर पर (सेना के जवान) रामलीला करते थे. रामलीला में मैं सीता का रोल करता था और रावण बना शख्स स्कूटर पर आकर मेरा अपहरण करता था. मुझे एक्टिंग का शौक तो था ही, इससे कुछ ट्रेनिंग भी मिल गई.
उसके बाद गूफी का इंटरेस्ट में बढ़ने लगा. इसके लिए वह अपने छोटे भाई कंवरजीत पेंटल के कहने पर 1969 में मुंबई गए थे. मुंबई में गूफी ने मॉडलिंग और एक्टिंग सीखी और कई फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया. इस दौरान बीआर चोपड़ा की महाभारत में कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर काम करने का मौका मिला.
आगे इंटरव्यू में गूफी ने बताया कि, मैं महाभारत में शकुनि के कैरेक्टर के लिए परफेक्ट फेस की तलाश में थे. मैंने शो के लिए सभी कैरेक्टर्स का ऑडिशन लिया था. मैंने इस रोल के लिए तीन लोगों को चुना था. इस बीच शो की स्क्रिप्ट लिख रहे मासूम रजा की नजर मुझ पर पड़ी और उन्होंने मुझे ही शकुनि का रोल करने की सलाह दी. इस तरह मैं महाभारत का मामा शकुनि बन गया.
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