परमाणु शक्ति के साक्षी पोखरण से ही दिख रहा स्वदेशीकरण से सशक्तीकरण का दम: मोदी
The-power-of-empowerment-through-indigenization-is-visible-from-Pokhran-the-witness-of-nuclear-power-Modi |
परमाणु शक्ति के साक्षी पोखरण से ही दिख रहा स्वदेशीकरण से सशक्तीकरण का दम: मोदी
जैसलमेर ( 12 मार्च 2024 ) पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारत-शक्ति युद्धाभ्यास को देखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यही पोखरण है, जो भारत की परमाणु शक्ति का साक्षी रहा है, और यहीं पर हम आज स्वदेशीकरण से सशक्तीकरण का दम देख रहे हैं। कल ही भारत ने एमआइआरवी आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस, लंबी दूरी की क्षमता वाली अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण किया है। दुनिया के बहुत ही कम देशों के पास इस तरह की आधुनिक टेक्नोलॉजी है, इस तरह की आधुनिक क्षमता है। ये रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की एक और बड़ी उड़ान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भर होता भारत, सेनाओं में आत्मविश्वास की भी गारंटी है। युद्ध के समय जब सेनाओं को पता होता है कि जिन हथियारों का वो इस्तेमाल कर रही हैं, वो उनके अपने हैं, वो कभी भी कम नहीं पड़ेंगे, तो सेनाओं की ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है। बीते 10 वर्षों में, भारत ने अपना लड़ाकू हवाई जहाज बनाया है। आधुनिक इंजन का निर्माण भी भारत में होने वाला है, कुछ दिन पहले ही कैबिनेट ने एक और बड़ा फैसला लिया है। अब पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान भी हम भारत में ही डिजायन, डेवलप और मैन्यूफेक्चर करने वाले हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि भविष्य में भारत की सेना और भारत का रक्षा क्षेत्र कितना बड़ा होने वाला है, इसमें युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के कितने अवसर बनने वाले हैं। कभी भारत, दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा आयातक हुआ करता था। आज भारत इस क्षेत्र में एक बड़ा निर्यातक बनता जा रहा है। आज भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 2014 की तुलना में 8 गुना से ज्यादा बढ़ चुका है।
2014 के बाद बदले हालात
2014 से पहले रक्षा घोटालों, गोला-बारूद की कमी और आयुध कारखानों की हालत खराब होने के माहौल को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने आयुध कारखानों को 7 बड़ी कंपनियों में निगमित करने का जिक्र किया। आजादी के बाद से एक दुर्भाग्य ये रहा कि जिन्होंने दशकों पर देश पर शासन किया, वो देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं रहे। हालत ये थी कि आजादी के बाद देश का पहला बड़ा घोटाला सेना में खरीद के दौरान ही हुआ। उन्होंने जानबूझकर भारत को रक्षा ज़रूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर रखा। 2014 से पहले रक्षा सौदों में घोटालों की चर्चा होती थी। दशकों तक लटके रहे रक्षा सौदों की चर्चा होती थी। सेना के पास, इतने दिनों का गोला-बारूद बचा है, ऐसी चिंताएं सामने आती थीं। उन्होंने हमारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को बर्बाद कर दिया था। हमने इन्हीं ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को जीवनदान दिया, उन्हें 7 बड़ी कंपनियों में बदला। उन्होंने, कारगिल युद्ध के बाद भी सीडीएस जैसे पद के गठन की इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। हमने इसको जमीन पर उतारा। वो दशकों तक हमारे वीर बलिदानी सैनिकों के लिए एक राष्ट्रीय स्मारक तक नहीं बना पाए। ये कर्तव्य भी हमारी ही सरकार ने पूरा किया। पहले की सरकार तो, हमारी सीमाओं पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने से भी डरती थी लेकिन आज देखिए, एक से एक आधुनिक रोड, आधुनिक टनल, हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में बन रही हैं।
मोदी की गारंटी का अनुभव
मोदी ने वन रैंक वन पेंशन के कार्यान्वयन का उल्लेख करते हुए कहा कि सशस्त्र बलों के सेवा कर्मियों के परिवारों ने मोदी की गारंटी का अर्थ अनुभव किया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान के 1.75 लाख रक्षाकर्मियों को ओआरओपी के तहत 5000 करोड़ रुपए का लाभ मिला है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र बलों की ताकत राष्ट्र की आर्थिक ताकत के अनुपात में बढ़ती है। उन्होंने कहा कि जब हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे तो रक्षा कौशल भी नई ऊंचाइयों को छूएगा। उन्होंने इस प्रक्रिया में राजस्थान की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि विकसित राजस्थान विकासशील सेना को ताकत देगा। उन्होंने भारत शक्ति के सफल आयोजन के लिए तीनों सेनाओं के संयुक्त प्रयास के लिए बधाई दी। मोदी ने तीन बार भारत माता की जय का उद्घोष उपस्थित लोगों से करवाया।
ताकत और समन्वय का प्रदर्शन
भारत शक्ति अभ्यास के तहत भूमि, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष डोमेन में खतरों का मुकाबला करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की एकीकृत परिचालन क्षमताओं को प्रदर्शित किया गया। अभ्यास में भाग लेने वाले प्रमुख उपकरणों और हथियार प्रणालियों में टी-90 (आईएम) टैंक, धनुष और सारंग गन सिस्टम, आकाश हथियार प्रणाली, लॉजिस्टिक्स ड्रोन, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर और मानव रहित हवाई वाहनों की श्रृंखला शामिल रही। भारतीय सेना ने उन्नत जमीनी युद्ध और हवाई निगरानी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। भारतीय नौसेना ने समुद्री ताकत और तकनीकी परिष्कार को उजागर करते हुए नौसेना एंटी-शिप मिसाइलों, स्वायत्त कार्गो ले जाने वाले हवाई वाहनों और व्यय योग्य हवाई लक्ष्यों का प्रदर्शन किया। वायुसेना ने हवाई संचालन में वायु श्रेष्ठता और बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर तैनात किए।
JALORE NEWS
खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें
एक टिप्पणी भेजें